मै लिखना चाहता हु तेरी आँखों को जिन्हे देखता हु तो लगता है की कोई सम्म्होनी हो तुम आँखों से कोई जादू कर देनी वाली मनमोहनी हो तुम मै लिखना चाहता हु की मेरे लिए कौन हो तुम तुम बोलो तो सबसे प्यारा संगीत हो तुम हस दो तो सब कुछ हार देने वाला गीत हो तुम इस लम्बे सफर का सबसे प्यारा एहसास हो तुम किसी डूबती कस्ती की आखरी आस हो तुम हां, हां मै लिखना चाहता हु की मेरे लिए क्यों खास हो तुम मेरे लिए क्यों खास हो तुम मेरी बिखरती ज़िन्दगी को समेटती हो तुम लड़खड़ाउ अगर तो थाम लेती हो तुम किसी साहिल की सबसे प्यारी शाम को तुम हर तकलीफ को भुला देने बाली वो एक आखरी मुस्कान हो तुम हां हा मै लिखना चाहता हु की मेरे लिए क्यों खास हो तुम मेरी रातो की नींद, ज़िन्दगी की सबसे प्यारी सुबहा हो तुम हो हकीकत या हो बस एक ख्वाब तुम नहीं कोई जोर तुम पर की हो जाओ मेरी लैला तुम लेकिन मै मजनू तुम्हारा ,यकीं चाहे करो या न करो तुम अब कैसे लिखु मेरे लिए यू ही नहीं खास हो तुम अब क्या लिख दू खुदा तुम्हे अब जो हो हर साँस में तुम सर्दी में तपन सी तुम गर्मी में हो शीतल जल सी तुम मेरे जीवन के हर एहसास में तुम कभी जो न बुझे ऐसी प्यास हो तुम लिखना चाहे भी तो कोई लफ्ज़ो में कैसे लिखे उसके लिए यू ही नहीं सबसे खास हो तुम #ab kaise likhu