कुछ को मोहब्बत ने छोड़ा कुछ ने मोहब्बत को छोड़ दिया कुछ का घर मोहब्बत ने बनाया अपने हाथों कुछ का बनने से पहले ही तोड़ दिया हम तो इश्क ए दरिया के तलाश में रेगिस्तान को जा पहुँचे हमें आता देख ना जाने क्यूँ मरीचिका ने भी रेगिस्तान छोड़ दिया हम तो अकेले ही चले जा रहे थे जाने क्यूँ हमें आवाज़ दे खुद मुँह मोड़ लिया सोचा चलो मरने के बाद ही हासिल होगा इश्क हमें मरता देख मोहब्बत ने भी कफन ओढ़ लिया #मोहब्बत #कहानी #रेगिस्तान #मरीचिका