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#सहायता एक बड़ी भीड़ हाथ थामे हुए थी उस वक़्त मैं नि

#सहायता
एक बड़ी भीड़ हाथ थामे हुए थी 
उस वक़्त मैं निर्दलीय थी
आज उससे बड़ी भीड़ हाथ थामे हुए है
मगर मैं कभी कभी असहाय महसूस करती हूँ
गुटबाजी का फल यहीं रहेगा
दोश्ती की आड़ में एक दोश्त दूसरे को निगलेगा
एक गंभीर सवाल मुझसे पूछा गया
आपकी सहायता आखिर कौन करेगा
जवाब यहीं है
जो भेड़चाल मेरी तरह पसंद नहीं करेगा
जो मौन के साथ इंसान परख लेगा
जिसे इतना तो भेद मालूम होगा
कौन सही कौन गलत
जो मेरे हक़ की लड़ाई लड़ेगा
जो मुझे हारने नहीं देगा
जो हर वक़्त ढाल बना रहेगा
जो मेरी गलतियों पर मुझे समझायेगा
मुझे फॉलोवर से अधिक मतलब सच्चे प्रशंशक ओर हितैषी से है।...... 🤗

©MALLIKA