Nojoto: Largest Storytelling Platform

जो जीवन का सार हैं, जिसको जानता हैं जग सारा। आज उद

जो जीवन का सार हैं, जिसको जानता हैं जग सारा।
आज उदय दुलारी नेह बताएगी, संविधान की गाथा।
बहुत पुरानी बात हैं, आजादी का जब बजा बिगुल था।
चारों तरफ खुशी का माहौल, पर कुछ तो कमी था।
कौन कैसे कहां से शुरुवात करें, था यें प्रश्न गंभीर।
तब आएं बाबा भीमराव, बनकर भारत का वीर।
58 देशों का भ्रमण किया, किया वहां की बातों का अध्यन।
करके एक सभा गठित, होने लगा फ़िर संविधान पर मंथन।
2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय, बन तैयार हुआ हमारा संविधान।
299 लोगों ने लिखा इसे, स्थाई अध्यक्ष बनें राजेन्द्र प्रसाद।
26 जनवरी 1950 को, लागु हुआ हमारे संविधान का विधान।
तबसे हर वर्ष 26 नवंबर को मनाया जाता संविधान दिवस।
सबसे बड़ा लिखित संविधान ये, सब कुछ का इसमे विधान।
बाबा भीमराव ने हर वर्ग के लिए इसमें किया है प्रावधान।
है इसमें एक उद्देशिका सम्मिलित, 448 हैं इसमें अनुच्छेद।
12 अनुसूची सम्मलित इसमें, संविधान में हैं 25 भाग।।
5 अनुलग्नक इसमें समलित, 125 हुए अभी तक संशोधन।
धर्म निरपेक्ष शब्द जोड़ा गया, करके अलग संशोधन।
एकता अखंडता का प्रतीक, मूल कर्तव्यों का हैं समावेश।
सभी वर्णों का मूल अधिकार इसमें, इसमें नहीं कोई द्वेष।
नीति निदेशक तत्व की, बात हैं सबसे प्यारी।
बच्चों से लेकर बूढों तक, रक्षा करती ये हमारी।
26 जनवरी का दिन हैं इतना प्यारा, कैसे करूं मैं इसकी बखान।
इसी दिन दिए जाते हैं, भारत रत्न, पद्म भूषण आदि सम्मान। #नेह_की_गाथा
#NUBGupta
#संविधान_की_गाथा
जो जीवन का सार हैं, जिसको जानता हैं जग सारा।
आज उदय दुलारी नेह बताएगी, संविधान की गाथा।
बहुत पुरानी बात हैं, आजादी का जब बजा बिगुल था।
चारों तरफ खुशी का माहौल, पर कुछ तो कमी था।
कौन कैसे कहां से शुरुवात करें, था यें प्रश्न गंभीर।
तब आएं बाबा भीमराव, बनकर भारत का वीर।
58 देशों का भ्रमण किया, किया वहां की बातों का अध्यन।
करके एक सभा गठित, होने लगा फ़िर संविधान पर मंथन।
2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय, बन तैयार हुआ हमारा संविधान।
299 लोगों ने लिखा इसे, स्थाई अध्यक्ष बनें राजेन्द्र प्रसाद।
26 जनवरी 1950 को, लागु हुआ हमारे संविधान का विधान।
तबसे हर वर्ष 26 नवंबर को मनाया जाता संविधान दिवस।
सबसे बड़ा लिखित संविधान ये, सब कुछ का इसमे विधान।
बाबा भीमराव ने हर वर्ग के लिए इसमें किया है प्रावधान।
है इसमें एक उद्देशिका सम्मिलित, 448 हैं इसमें अनुच्छेद।
12 अनुसूची सम्मलित इसमें, संविधान में हैं 25 भाग।।
5 अनुलग्नक इसमें समलित, 125 हुए अभी तक संशोधन।
धर्म निरपेक्ष शब्द जोड़ा गया, करके अलग संशोधन।
एकता अखंडता का प्रतीक, मूल कर्तव्यों का हैं समावेश।
सभी वर्णों का मूल अधिकार इसमें, इसमें नहीं कोई द्वेष।
नीति निदेशक तत्व की, बात हैं सबसे प्यारी।
बच्चों से लेकर बूढों तक, रक्षा करती ये हमारी।
26 जनवरी का दिन हैं इतना प्यारा, कैसे करूं मैं इसकी बखान।
इसी दिन दिए जाते हैं, भारत रत्न, पद्म भूषण आदि सम्मान। #नेह_की_गाथा
#NUBGupta
#संविधान_की_गाथा