।।। प्रतिबिम्ब ।।। मैं तेरा आशमान बनना चाहूँ जिसमें तु उड जाए पंख फैलाए । मैं तेरी वो जमीन बनना चाहूँ जिसमें हक से तु अपने सपनों को बोए ।। सबके सपनों को देती है रंग रूप तु पर तेरा कभी किसी ने न सूना । फिर भी बरसाती रही तु खुशियों की बौछार रख दिल में हजारों ख्वाहिशें दफना ।। एहसास बस मुझे है तेरे व्यथाओं का जो रह जाते हैं अक्सर बिन कहे । न कोई इच्छा न ही आपत्ति लिख देती है तु अपनी जागीर दूसरों के लिए ।। कभी नजर हटा कर जमाने से एक बार आईने में झांक ले। प्रतिबिम्ब हूँ मैं तेरा मेरे अलावा तेरा हमदर्द कोई नहीं ये मान ले । चल तुझको आज लेकर चलूँ मैं उस हरे-भरे बगिया में । जहां खिलेंगे तेरे सपनों के फूल जो भर देंगी खुशियाँ तेरी झोली में ।। कभी कभी वक्त से अपने हक का हिस्सा चूरा लेना चाहिए । PC: Google #प्रतिबिम्ब #yqbaba #YQdidi #YQBhaina #Hindi #YoPoWriMo #Poem #नारी