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तन्हा सा था जब भीड़ मे, सोचा कोई अपना नहीं तक़दीर

तन्हा सा था जब भीड़ मे, सोचा कोई अपना नहीं तक़दीर मे, फिर एक दिन आप दोस्त बने, तो ऐसा लगा, कुछ खास था इन हाथों की लकीर मे. #love #lefi
तन्हा सा था जब भीड़ मे, सोचा कोई अपना नहीं तक़दीर मे, फिर एक दिन आप दोस्त बने, तो ऐसा लगा, कुछ खास था इन हाथों की लकीर मे. #love #lefi
rohitsharma6219

Rohit Sharma

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