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सबकी दुनियां उजाड़ कर घर को अपने सजा रहा । ऐ मनुष

सबकी दुनियां  उजाड़ कर घर को अपने सजा रहा ।
ऐ मनुष्य तुझे बना कर ऊपर वाला खुद पछता रहा।।

सोचा था उसने मनुष्य पृथ्वी को संभाल के ले जाएगा ।
उसको क्या पता था कि यही मनुष्य पृथ्वी के विनाश का कारण बन जाएगा।। 
                                  -प्रशान्त #pollution #environment #human #humanity
सबकी दुनियां  उजाड़ कर घर को अपने सजा रहा ।
ऐ मनुष्य तुझे बना कर ऊपर वाला खुद पछता रहा।।

सोचा था उसने मनुष्य पृथ्वी को संभाल के ले जाएगा ।
उसको क्या पता था कि यही मनुष्य पृथ्वी के विनाश का कारण बन जाएगा।। 
                                  -प्रशान्त #pollution #environment #human #humanity