Nojoto: Largest Storytelling Platform

आलेया कि ज़ुबानी हमदर्द, मासुमियत, हमराज़ कि मिसाल

आलेया कि ज़ुबानी
हमदर्द, मासुमियत, हमराज़ कि मिसाल हूँ, 
ज़िन्दगी की चौखट पर रखा चिराग हूँ, 
बाबा का मर्यादा हुँ, घर की लाज़ हुँ, 
पाबंद नही हुँ मुक्त मेंघ हुँ मैं, 
जलजला सा उठा संवेग हुँ मैं, 
टूटी हुँ, आहत हुँ दुःखों की पुंज हुँ, 
टूटकर बिखरना मुझे आती नही
पर धुंधलाते ,  नेत्र स्राव से मुक्त हुँ मैं, 
जिद्दी ,जुनूनी, दोस्ती ,प्यार की आन हुँ मैं, 
हर वक्त चुनोतियों से घिरी हुई हुँ मैं, 
मिट्टी मे दबकर दबी नही रहूँगी मैं, 
नव अंकुरित- बिजो सी ठसक हुँ मैं!

©Md Wazaifa Kamal #     आलेया कि ज़ुबानी
हमदर्द, मासुमियत, हमराज़ कि मिसाल हूँ, 
ज़िन्दगी की चौखट पर रखा चिराग हूँ, 
बाबा का मर्यादा हुँ, घर की लाज़ हुँ, 
पाबंद नही हुँ मुक्त मेंघ हुँ मैं, 
जलजला सा उठा संवेग हुँ मैं, 
टूटी हुँ, आहत हुँ दुःखों की पुंज हुँ, 
टूटकर बिखरना मुझे आती नही
आलेया कि ज़ुबानी
हमदर्द, मासुमियत, हमराज़ कि मिसाल हूँ, 
ज़िन्दगी की चौखट पर रखा चिराग हूँ, 
बाबा का मर्यादा हुँ, घर की लाज़ हुँ, 
पाबंद नही हुँ मुक्त मेंघ हुँ मैं, 
जलजला सा उठा संवेग हुँ मैं, 
टूटी हुँ, आहत हुँ दुःखों की पुंज हुँ, 
टूटकर बिखरना मुझे आती नही
पर धुंधलाते ,  नेत्र स्राव से मुक्त हुँ मैं, 
जिद्दी ,जुनूनी, दोस्ती ,प्यार की आन हुँ मैं, 
हर वक्त चुनोतियों से घिरी हुई हुँ मैं, 
मिट्टी मे दबकर दबी नही रहूँगी मैं, 
नव अंकुरित- बिजो सी ठसक हुँ मैं!

©Md Wazaifa Kamal #     आलेया कि ज़ुबानी
हमदर्द, मासुमियत, हमराज़ कि मिसाल हूँ, 
ज़िन्दगी की चौखट पर रखा चिराग हूँ, 
बाबा का मर्यादा हुँ, घर की लाज़ हुँ, 
पाबंद नही हुँ मुक्त मेंघ हुँ मैं, 
जलजला सा उठा संवेग हुँ मैं, 
टूटी हुँ, आहत हुँ दुःखों की पुंज हुँ, 
टूटकर बिखरना मुझे आती नही