परीक्षायें पास करते जा रहे हैं। तुम पे विश्वास करते जा रहे हैं। बिखरते सपनों को घर चाहिए। निरंतर प्रयास करते जा रहे हैं।। ©anil.gangwar.1994000 शायरी अनिल की।