#5LinePoetry मैं मल्लाह, हाथ मे थामे ,पतवार चलाता हूँ आने वाले तूफानों से भी, मैं कहाँ घबराता हूँ उतारता हूँ ,बेख़ौफ़ होकर ,मझधार में कश्ती, आने वाली हर मुसीबत का, डटकर मुकाबला करता हूँ, तैरना सीखा है इन लहरों से ,इन लहरों को मैं हँसकर पार करता हूँ. ©Dr Manju Juneja #पतवार #बेख़ौफ़ #तूफानों #लहरों #पार #नाविक #मलहा #उतारता #nojotohindipoetry # #5LinePoetry