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बड़ी उम्मीद से देखा उजाले की ओर, उठाके अंधेरे की चा

बड़ी उम्मीद से देखा उजाले की ओर,
उठाके अंधेरे की चादर का इक छोर।
तन मन ताज़गी से भर गया जो मेरा!
जैसे खिल गईं कलियों की पोर पोर। 🎀 उजाले की ओर 🎀 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 आज की प्रतियोगिता (Challenge-406) "दर-दर भटके" को जीतने के लिए "उजाले की ओर" पर कोलाब करना अनिवार्य है। 

🎀 3 लेखकों को मिलकर कोलाब करना है और कुछ अनोखा लिखने की कोशिश करनी है। 

🎀 Font छोटा रखिएगा जिससे वालपेपर खराब न हो। कम लिखिए या ज़्यादा लिखिए परन्तु अपना लिखिए।
बड़ी उम्मीद से देखा उजाले की ओर,
उठाके अंधेरे की चादर का इक छोर।
तन मन ताज़गी से भर गया जो मेरा!
जैसे खिल गईं कलियों की पोर पोर। 🎀 उजाले की ओर 🎀 #collabwithकोराकाग़ज़

🎀 आज की प्रतियोगिता (Challenge-406) "दर-दर भटके" को जीतने के लिए "उजाले की ओर" पर कोलाब करना अनिवार्य है। 

🎀 3 लेखकों को मिलकर कोलाब करना है और कुछ अनोखा लिखने की कोशिश करनी है। 

🎀 Font छोटा रखिएगा जिससे वालपेपर खराब न हो। कम लिखिए या ज़्यादा लिखिए परन्तु अपना लिखिए।