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सहेजने के प्रकरण में, मैंने बहुत कुछ सीखा..। मैंन

सहेजने के प्रकरण में,
मैंने बहुत कुछ सीखा..।

मैंने सीखा मुस्कराहट को सहेजना....
तो पाया कि
मुझसे मिलने वाला 
हर व्यक्ति ही मुस्करा रहा है। 
मैं मुस्कराने के हर अवसर को 
यत्न से सहेजने लगी।

मैंने सीखा..
शब्दों को सहेजना
तो पाया कि
वे अनकहे को 
व्यक्त करने की
निपुणता रखते हैं।
मैं शब्दों और अभिव्यक्ति के प्रति 
और अधिक सत्यनिष्ठ हो गई। 

मैंने सीखा अनुभूतियों को सहेजना....
तो पाया कि 
वे एक पूर्ण कविता में 
परिवर्तित होने का
सामर्थ्य रखती हैं।
मैं सहेजने के प्रति 
और अधिक उदार हो गई। 

 तब मैंने सीखा,'सहेजना- स्वयं को'....
और पाया
अंतर्मन में पल्लवित होते 
अविरल प्रेम को।
तब से मैंने स्वयं को
और अधिक सहेजना शुरू कर दिया।।--सुनीता डी प्रसाद💐💐 # सहेजने के प्रकरण में....

सहेजने के प्रकरण में,
मैंने बहुत कुछ सीखा..।


मैंने सीखा मुस्कराहट को सहेजना....
तो पाया कि
सहेजने के प्रकरण में,
मैंने बहुत कुछ सीखा..।

मैंने सीखा मुस्कराहट को सहेजना....
तो पाया कि
मुझसे मिलने वाला 
हर व्यक्ति ही मुस्करा रहा है। 
मैं मुस्कराने के हर अवसर को 
यत्न से सहेजने लगी।

मैंने सीखा..
शब्दों को सहेजना
तो पाया कि
वे अनकहे को 
व्यक्त करने की
निपुणता रखते हैं।
मैं शब्दों और अभिव्यक्ति के प्रति 
और अधिक सत्यनिष्ठ हो गई। 

मैंने सीखा अनुभूतियों को सहेजना....
तो पाया कि 
वे एक पूर्ण कविता में 
परिवर्तित होने का
सामर्थ्य रखती हैं।
मैं सहेजने के प्रति 
और अधिक उदार हो गई। 

 तब मैंने सीखा,'सहेजना- स्वयं को'....
और पाया
अंतर्मन में पल्लवित होते 
अविरल प्रेम को।
तब से मैंने स्वयं को
और अधिक सहेजना शुरू कर दिया।।--सुनीता डी प्रसाद💐💐 # सहेजने के प्रकरण में....

सहेजने के प्रकरण में,
मैंने बहुत कुछ सीखा..।


मैंने सीखा मुस्कराहट को सहेजना....
तो पाया कि