कुछ पल और तुम बोलते मैं कुछ पल तुम्हारा इंतजार करता तन्हाई से तुम्हारी कुछ तो मैं दुलार करता मिलती नहीं थी किस्मत करते रहे थे कोशिश किस-किस गली पर फिर मैं एतबार करता ख्वाबों मैं अब तो आओ कुछ तो मुझे बताओ कांधे पर सर रखकर फुर्सत से प्यार करता इजहार कर दिया है दुनिया से अपने आप को अब कल मिलते हैं तो उस दिन को गुलजार करता ए जिंदगी की किताब अब उनकी ना मान अब तेरे ही दिल में मैं उस रब को क्यों शुमार करता तुम बोलते तो मैं कुछ पल और इंतजार करता तन्हाई से तुम्हारी कुछ पल और प्यार करता... ©Sachin Jindal #कुछ #पल #शायरी #लव #HeartBreak