एक बन्द कली कब फुल बन गई एक बच्ची कोमल सी बड़ी बन गई꫰ बचपन जैसा लगता है ना ए सफर फुलो सा एक कोमल सी कली खिलती है꫰ वैसे ही एक कोमल सी नाजुक बच्ची बडी हो जाती है और अपने माँ की प्यारी सी दुनिया बन जाती है꫰ वैसे ही फुल को झाड माँ समान होता है और कली उनके बच्चे जो माँ झाड को