तितली;जानती हैं आप;कोई नही मैं ही बताता हूँ टूटना और टूट कर बिखर जाना ही प्रकृती है, जब कुछ टूटता है या बिखर जाता है तभी तो प्रकृती में सृजन का दौर चल पाता है, पर यहाँ सब चाहते हैं स्थाई भाव में-२ जैसे संभाल कर रख सकें हो अमानत अपनी,पर प्रकृती इक धारा है तितली जिसका अनकहा सा किनारा है #part_3#my_life#titli#love#promise_day