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चाँद ओर आसमान का , रिस्ता गहेरा है हर वक्त क्यु,

चाँद ओर आसमान का , रिस्ता गहेरा है 
हर वक्त क्यु, बादल जैसा , कोइ पहेरा है 

चीर कर निकल गया , तिर ए नज़र दिल 
घाव रुहाना भीतरी, सचमुच दिल गहेरा है 

अंजाम क्या उनका, ओर अंदाज़ भी क्या? 
रोशन चहेरे को करता , हलका सुनहरा है 

छुकर गुल का हसीन हुश्न,ओर नजा़कत भी 
शबनमी का सफर , सुरज जैसा सुनहरा है 

भीगा सा ,हलका सा, अहेसास पलकों पर 
शायद नज़रों से ना निकले, वो एक पहेरा है. #Dosti 
चाँद ओर आसमान का , रिस्ता गहेरा है 
हर वक्त क्यु, बादल जैसा , कोइ पहेरा है 

चीर कर निकल गया , तिर ए नज़र दिल 
घाव रुहाना भीतरी, सचमुच दिल गहेरा है 

अंजाम क्या उनका, ओर अंदाज़ भी क्या?
चाँद ओर आसमान का , रिस्ता गहेरा है 
हर वक्त क्यु, बादल जैसा , कोइ पहेरा है 

चीर कर निकल गया , तिर ए नज़र दिल 
घाव रुहाना भीतरी, सचमुच दिल गहेरा है 

अंजाम क्या उनका, ओर अंदाज़ भी क्या? 
रोशन चहेरे को करता , हलका सुनहरा है 

छुकर गुल का हसीन हुश्न,ओर नजा़कत भी 
शबनमी का सफर , सुरज जैसा सुनहरा है 

भीगा सा ,हलका सा, अहेसास पलकों पर 
शायद नज़रों से ना निकले, वो एक पहेरा है. #Dosti 
चाँद ओर आसमान का , रिस्ता गहेरा है 
हर वक्त क्यु, बादल जैसा , कोइ पहेरा है 

चीर कर निकल गया , तिर ए नज़र दिल 
घाव रुहाना भीतरी, सचमुच दिल गहेरा है 

अंजाम क्या उनका, ओर अंदाज़ भी क्या?

#Dosti चाँद ओर आसमान का , रिस्ता गहेरा है हर वक्त क्यु, बादल जैसा , कोइ पहेरा है चीर कर निकल गया , तिर ए नज़र दिल घाव रुहाना भीतरी, सचमुच दिल गहेरा है अंजाम क्या उनका, ओर अंदाज़ भी क्या?