किसी ने भोग की वस्तु बनाया किसी ने घर में अपने सजाया किसी ने बस कठपुतली समझकर जैसे चाहा वैसे नचाया किसी ने तानों की बौछार लगा दी किसी ने चुभती बात सुना दी इक नारी पर मिलकर सबने अपनी अपनी भड़ास निकाली किसी को लगे वो करनी पाए कोई बद्दुआ देकर के जाए अपने हिसाब से सज़ा सुनाकर मन ही मन वो खुश हो जाए सब लोगों की सुन कर बातें अपनी झोली में भरती जाए ईश्वर एक दिन जरूर सुनेगा बैठी यही है आस लगाए ©Anita Mishra #jeevan #Nari #Kismat #dastan #nojotohindi #Journey