ये सुनकर दिल पे खंजर चल रहे हैं। तेरे किस- किस से चक्कर चल रहे हैं। तेरा जाना तो मेरे हक में ठहरा । मेरे सब काम बेहतर चल रहे हैं । # अहमद फरहाद # ©Azeem Khan #अहमद फरहाद शायरी #