शीर्षक - अंगारे अंगारे नहीं वो भी फूल हैं, तिमिर नहीं वो भी प्रकाश हैं। मद में चूर न हो माटी के पुतले, विकलांग नहीं वो भी आकाश हैं।। बेनूर नहीं वो भी नूर हैं, सूर नहीं वो भी कोहिनूर हैं। नज़र-ए-उल्फ़त तो ज़रा बिखेरो, ख़ार नहीं वो भी बेख़ार हैं।। ©जीत #footsteps #nojoto #yourquote #lockdown2 #task10.8 #दिव्यांगकविता Arushi #१८अप्रैल२०२० #प्रयागराज