#5LinePoetry ओ रे माझी!ओ रे माझी! ले चल मोहे उस पार ज़रा साँझ ढले इससे पहले तू साँझ ढले इससे पहले तू इस दरिया से मोहे पार करा ओ रे माझी!ओ रे माझी! ले चल मोहे उस पार जरा थकी -थकी अँखियाँ मेरी थक गया है अब मन भी मेरा बोझिल -सा लगता है तन ढल गया है यौवन भी मेरा कोई मुझे आवाज़ है देता क्या उस पार भी घर है मेरा? ओ रे माझी!ओ रे माझी! ले चल मोहे उस पार जरा || ©स्मृति.... Monika #5LinePoetry#ओ रे माझी!@स्मृति... मोनिका ✍️