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मेरी खुशी भी थी मेरी ख्वाब भी थी मेरी ख्याल भी थी,

मेरी खुशी भी थी मेरी ख्वाब भी थी मेरी ख्याल भी थी,,
 तो क्या जरूरत थी हमसे 
  जुदा होकर  जीने की,,, क्या  जरूरी है कि इसका हमें भी हो जाए
मेरी खुशी भी थी मेरी ख्वाब भी थी मेरी ख्याल भी थी,,
 तो क्या जरूरत थी हमसे 
  जुदा होकर  जीने की,,, क्या  जरूरी है कि इसका हमें भी हो जाए

क्या जरूरी है कि इसका हमें भी हो जाए