कितना अजीब है ये रोज़ रोज़ होना, हर रात बस सुबह जल्दी उठने के लिए सोना! ख़ुद के लिए समय ना निकाल पाना, और कलाविहीन होना! इन सब में बंध कर, अंदर ही अंदर रोना! कितना भयानक है ना .. चंद सिक्कों के लिए, अपने अंदर के सारे हुनर को खोना! - प्रतियोगीता सिंह ♥️ © #Youcanrelate #dreams #obstacles #life #shackles #freebird