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"मैं और मेरी तन्हाई"चौथा भाग वह दिन आ ही गया जब उस

"मैं और मेरी तन्हाई"चौथा भाग
वह दिन आ ही गया जब उससे मेरा सामना हुआ वह अपनी सहेली के साथ मेरे पास आई और बोली "तुम क्लास में ही रहते हो या बाहर "उसके ये शब्द सुनकर तो मैं नि:शब्द सा रह गया पर पता नहीं वह किस मिट्टी की बनी थी उसने मेरा हाथ पकडा़ मुझे क्लास से बाहर ले गई और मुझे बताने लगी कि मेरा साइंस का प्रोजेक्ट नहीं पूरा है मेरी मदद कर दोगे कया? मैं बेसुध खडा़ सुन रहा था सुन क्या रहा था आवाज कानों तक पहुँच रही थी पर अन्दर हलचल के कारण जगह नहीं मिली उसकी सहेली भी उसका साथ दे रही थी उसकी हाॅ में हाॅ मिला रही थी मैने भी उसके प्रोजेक्ट बनवाने में सहायता करने का वादा कर दिया लेकिन मुझे होश नहीं रहा मैं तो बस यह सोंच कर बेसुध रहा कि उसने मुझसे सामने आकर बात की बस यही मेरे लिए काफी था
                          मैने वादा तो कर दिया था कि प्रोजेक्ट बनाने में मैं उसकी मदद जरूर करूँगा जिसको अगले ही दिन जमा करना था लेकिन मुझे कुछ भी याद न था मैं भूल चुका था छुट्टी होने के बाद मैं अपने घर अपने ख्यालों में मगन और वह भी निश्चिन्त होकर अपने घर को चली गई अगले दिन जब हम स्कूल में पहुँचे तो वह मुझसे पूँछने आई कि मेरा प्रोजेक्ट का क्या हुआ फिर मैं
                            
   *प्रकाश* "मैं और मेरी तन्हाई"चौथा भाग
"मैं और मेरी तन्हाई"चौथा भाग
वह दिन आ ही गया जब उससे मेरा सामना हुआ वह अपनी सहेली के साथ मेरे पास आई और बोली "तुम क्लास में ही रहते हो या बाहर "उसके ये शब्द सुनकर तो मैं नि:शब्द सा रह गया पर पता नहीं वह किस मिट्टी की बनी थी उसने मेरा हाथ पकडा़ मुझे क्लास से बाहर ले गई और मुझे बताने लगी कि मेरा साइंस का प्रोजेक्ट नहीं पूरा है मेरी मदद कर दोगे कया? मैं बेसुध खडा़ सुन रहा था सुन क्या रहा था आवाज कानों तक पहुँच रही थी पर अन्दर हलचल के कारण जगह नहीं मिली उसकी सहेली भी उसका साथ दे रही थी उसकी हाॅ में हाॅ मिला रही थी मैने भी उसके प्रोजेक्ट बनवाने में सहायता करने का वादा कर दिया लेकिन मुझे होश नहीं रहा मैं तो बस यह सोंच कर बेसुध रहा कि उसने मुझसे सामने आकर बात की बस यही मेरे लिए काफी था
                          मैने वादा तो कर दिया था कि प्रोजेक्ट बनाने में मैं उसकी मदद जरूर करूँगा जिसको अगले ही दिन जमा करना था लेकिन मुझे कुछ भी याद न था मैं भूल चुका था छुट्टी होने के बाद मैं अपने घर अपने ख्यालों में मगन और वह भी निश्चिन्त होकर अपने घर को चली गई अगले दिन जब हम स्कूल में पहुँचे तो वह मुझसे पूँछने आई कि मेरा प्रोजेक्ट का क्या हुआ फिर मैं
                            
   *प्रकाश* "मैं और मेरी तन्हाई"चौथा भाग

"मैं और मेरी तन्हाई"चौथा भाग