सिलसिला (Read In Caption) वो मिटाती रही, मैं लिखता रहा, यू हीं सिलसिला फिर ये चलता रहा, खून से लिखा था जिसका नाम हमने, किसी और के ख्वाबों की मलिका थी वो, मैं था बेख़बर, ना थी मुझको ख़बर, बेवजहा नाम उसका जो लिखता रहा। वो जलाती रही, मैं जलता रहा,