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माँ, तुम कुछ कहती नहीं हो.. पर मैं सब समझ जाती हूँ

माँ, तुम कुछ कहती नहीं हो..
पर मैं सब समझ जाती हूँ,
बेटी होने का एहसास दिलाती हो,
मुझे नहीं, खुद को यकीन दिलाती हो..
हाँ जानती हूँ मैं,
चाहती हो मुझे उम्र भर साथ रखना,
कोसती हो फिर ज़माने के दस्तूर को तुम..
माँ, मैं तो परछाई हूँ तुम्हारी,
यहाँ यहाँ जाओगी वहाँ वहाँ साथ रहूंगी..

मैं ये भी जानती हूँ, 
पापा कभी बोलेंगे नहीं,
पर जब मेरे दूर जाने की बात आती है..
उनका दिल भर आता है माँ..
मेरी ही तरह छुपा लेते हैं वो अपने जज़्बात
पर माँ तुम तो समझ जाती हो न
अगर मैं तुम्हारी परछाई हूँ तो सांस हूँ पापा की..
दूर मैं कैसे जाऊंगी भला!

यहीं रहूंगी आपके पास, आपके दिलों में.. 
हमेशा आपकी बेटी मैं! माँ, तुम कुछ कहती नहीं हो..
पर मैं सब समझ जाती हूँ,
बेटी होने का एहसास दिलाती हो,
मुझे नहीं, खुद को यकीन दिलाती हो..
हाँ जानती हूँ मैं,
चाहती हो मुझे उम्र भर साथ रखना,
कोसती हो फिर ज़माने के दस्तूर को तुम..
माँ, मैं तो परछाई हूँ तुम्हारी,
माँ, तुम कुछ कहती नहीं हो..
पर मैं सब समझ जाती हूँ,
बेटी होने का एहसास दिलाती हो,
मुझे नहीं, खुद को यकीन दिलाती हो..
हाँ जानती हूँ मैं,
चाहती हो मुझे उम्र भर साथ रखना,
कोसती हो फिर ज़माने के दस्तूर को तुम..
माँ, मैं तो परछाई हूँ तुम्हारी,
यहाँ यहाँ जाओगी वहाँ वहाँ साथ रहूंगी..

मैं ये भी जानती हूँ, 
पापा कभी बोलेंगे नहीं,
पर जब मेरे दूर जाने की बात आती है..
उनका दिल भर आता है माँ..
मेरी ही तरह छुपा लेते हैं वो अपने जज़्बात
पर माँ तुम तो समझ जाती हो न
अगर मैं तुम्हारी परछाई हूँ तो सांस हूँ पापा की..
दूर मैं कैसे जाऊंगी भला!

यहीं रहूंगी आपके पास, आपके दिलों में.. 
हमेशा आपकी बेटी मैं! माँ, तुम कुछ कहती नहीं हो..
पर मैं सब समझ जाती हूँ,
बेटी होने का एहसास दिलाती हो,
मुझे नहीं, खुद को यकीन दिलाती हो..
हाँ जानती हूँ मैं,
चाहती हो मुझे उम्र भर साथ रखना,
कोसती हो फिर ज़माने के दस्तूर को तुम..
माँ, मैं तो परछाई हूँ तुम्हारी,
soniathakur6019

Sonia Thakur

New Creator