इतने गमों में भी जाने कैसे मुस्कुरा लेती हैं वों, सितम धाहे कितना भी जमाना हँस के छुपा लेती हैं वों, कोई रिश्ता नहीं हैं उससे,ना ही कभी मिला, पर इतना जानता हूँ, अजनबी चेहरे में भी फरिश्ता हैं वों। ©Ajit Bhai Yadav #फरिश्ता #standAlone अजनबी चेहरे में भी फरिश्ता हैं वों। Shilpa yadav indira