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देख मेला यादों का आँसु जो आया आँख पर, डर गया बीते

देख मेला यादों का आँसु जो आया आँख पर,
 डर गया बीते पल की खिड़कीयों में झाँककर ।
सोचकर खुद को अकेला था वो का़यम इन्त्ज़ार ,
तन्हाई थी इस तरफ़ पर कारवाँ तो था उस पार।
 गुम थी शहरीन शोर में तेरी आवाजें इस तरफ़ ,
कर्ज़ है मुझपर हवा का ले गयी जो उस तरफ़ ।
देखकर बस कुछ फ़िज़ाए बद्ला तू नादान क्यों,
लोटना था जब वहाँ से अब है तु परेशान क्यों।

............haquikat #savaal kirdaar tera Sandeep Rajput deepak gupta Eisha mahi  अधूरी बातें  Suman Zaniyan  रश्मि सचिन पाठक aman verma Ambika(Anu)💛  Rimjhim srashti sachan
देख मेला यादों का आँसु जो आया आँख पर,
 डर गया बीते पल की खिड़कीयों में झाँककर ।
सोचकर खुद को अकेला था वो का़यम इन्त्ज़ार ,
तन्हाई थी इस तरफ़ पर कारवाँ तो था उस पार।
 गुम थी शहरीन शोर में तेरी आवाजें इस तरफ़ ,
कर्ज़ है मुझपर हवा का ले गयी जो उस तरफ़ ।
देखकर बस कुछ फ़िज़ाए बद्ला तू नादान क्यों,
लोटना था जब वहाँ से अब है तु परेशान क्यों।

............haquikat #savaal kirdaar tera Sandeep Rajput deepak gupta Eisha mahi  अधूरी बातें  Suman Zaniyan  रश्मि सचिन पाठक aman verma Ambika(Anu)💛  Rimjhim srashti sachan
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