तृतीय श्रेणी के जाली स्तरीय नौकरियों की परीक्षा में शामिल हो गई हैं तृतीय भाषाओं को लेकर झारखंड धीरे-धीरे एक नए विवाद की तरफ बढ़ रहा है इसे अब मूलवासी बेनाम बिहारी के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है जो आने वाले समय में तनाव का बड़ा कारण बन सकता है पिछले दिनों वह करो मैं आंदोलनों को भाजपा द्वारा पूर्व सांसद डॉ रविंद्र राय पर हुए हमले को उसी परिणित के रूप में देखा जा सकता है इस हमले के बाद जहां सत्तारूढ़ गठबंधन दलों और विपक्ष भाजपा के भी तलवार खींची हुई है वही आंसू भी मुखर है जो मैं नेता और शिक्षा नीति जागृत महत्व इस संबंध में मुख्यमंत्री से मिलने के बाद वो करो और धनबाद जिले में महंगाई भोजपुरी को जल्दी हटाए जाने का ऐलान कर चुके हैं इन मूर्तियों के लिए न्याय वालों में हुए संशोधन पर सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए उच्च न्यायालय में तख्तापलट चुके हैं दरअसल झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा राज्य स्तर पदों पर नियुक्ति के लिए आयोजित जानलेवा परीक्षा की दूसरे पत्र जनजाति क्षेत्रीय भाषा की परीक्षा होनी है राज्य सरकार ने इसके लिए 12 भाषा चयनित की है जिसमें उर्दू थाली बंगाली मराठी हाडिया कुमार मल्लिक अरोड़ा नागपुरी पंचगनी तथा उड़िया शामिल है अभ्यर्थियों को इनमें से किसी एक भाषा का चयन है जिसमें से 100 अंक को बहुत लिए प्रश्न पूछे जाएंगे ©Ek villain #टकराव की जमीन तैयार करता भाषा विवाद #roseday