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मिट्टी जैसी हूं मैं, रेत जैसे हो तुम मुझे चिपकने क

मिट्टी जैसी हूं मैं, रेत जैसे हो तुम
मुझे चिपकने की आदत है
और तुम्हें फिसलने की..
पर तुम शायद भूल गए , तुमसे ही 
मेरे आस्तित्व का जन्म हुआ है। 
मैं तुम्हारी अपनी हूं..
यूं मुझसे न दूर जाया करो 
इतना न मुझको सताया करो
मिलते हैं प्यार करने के मौके बहुत कम
कभी - कभी तुम भी मेरे तरह 
बन जाया करो..

©Kalpana Srivastava #रेत
मिट्टी जैसी हूं मैं, रेत जैसे हो तुम
मुझे चिपकने की आदत है
और तुम्हें फिसलने की..
पर तुम शायद भूल गए , तुमसे ही 
मेरे आस्तित्व का जन्म हुआ है। 
मैं तुम्हारी अपनी हूं..
यूं मुझसे न दूर जाया करो 
इतना न मुझको सताया करो
मिलते हैं प्यार करने के मौके बहुत कम
कभी - कभी तुम भी मेरे तरह 
बन जाया करो..

©Kalpana Srivastava #रेत