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नवोदय रंग रूप वेश भूषा से नहीं था वास्ता हमारा बस

नवोदय
रंग रूप वेश भूषा से नहीं था वास्ता हमारा
बस एक ही मजहब नवोदय हमारा ❤️.
कभी आई घर की याद तो
सिर्फ यादों का सहारा।
तुम हमें कैदी कहो या नवोदय एक जेल...
नवोदय एक जन्नत ❤️.
नवोदय इश्क था हमारा ❤️।

©Ruskin nikunj #LikhneKaShauk 
#Drops
नवोदय
रंग रूप वेश भूषा से नहीं था वास्ता हमारा
बस एक ही मजहब नवोदय हमारा ❤️.
कभी आई घर की याद तो
सिर्फ यादों का सहारा।
तुम हमें कैदी कहो या नवोदय एक जेल...
नवोदय एक जन्नत ❤️.
नवोदय इश्क था हमारा ❤️।

©Ruskin nikunj #LikhneKaShauk 
#Drops