Nojoto: Largest Storytelling Platform

जब बचपन में मुझे ढ़ेर सारी पत्रिकाएं पढ़ने को मिलती

जब बचपन में मुझे ढ़ेर सारी पत्रिकाएं पढ़ने को मिलती थी, तब लगती थी असली आजादी!
जब पिताजी ने ,दादी और ताऊजी के मना करते रहने पर भी मेरी पढ़ाई नहीं रुकने दी थी, तब लगी असली आजादी!
जब मेरे पिता ने  मनपसन्द जीवन-साथी चुनने की मेरी इच्छा को नहीं दबाया था, तब लगी थी असली आजादी!
हर निर्णय लेते समय, जब मेरी सहमति भी ली जाती थी, तब लगती थी असली आजादी!
मैंने हर दफ़े मिलने वाली आजादी का अच्छे से उपयोग किया, तब हुई असली आजादी!
मेरे पिता को कभी मुझ पर पछतावा नहीं हुआ, तब लगी थी असली आजादी!
मैंने ख़ुद को मिली आज़ादी को अपनी बेटी तक पहुँचाया, तब हुई 
असली आजादी!
मेरी बेटी पर मुझे नाज है,ये है मेरी असली आजादी!! #असली आजादी#18.08.20

#flyhigh
जब बचपन में मुझे ढ़ेर सारी पत्रिकाएं पढ़ने को मिलती थी, तब लगती थी असली आजादी!
जब पिताजी ने ,दादी और ताऊजी के मना करते रहने पर भी मेरी पढ़ाई नहीं रुकने दी थी, तब लगी असली आजादी!
जब मेरे पिता ने  मनपसन्द जीवन-साथी चुनने की मेरी इच्छा को नहीं दबाया था, तब लगी थी असली आजादी!
हर निर्णय लेते समय, जब मेरी सहमति भी ली जाती थी, तब लगती थी असली आजादी!
मैंने हर दफ़े मिलने वाली आजादी का अच्छे से उपयोग किया, तब हुई असली आजादी!
मेरे पिता को कभी मुझ पर पछतावा नहीं हुआ, तब लगी थी असली आजादी!
मैंने ख़ुद को मिली आज़ादी को अपनी बेटी तक पहुँचाया, तब हुई 
असली आजादी!
मेरी बेटी पर मुझे नाज है,ये है मेरी असली आजादी!! #असली आजादी#18.08.20

#flyhigh
anjupokharana7639

Anjali Jain

New Creator
streak icon1

#असली आजादी18.08.20 #flyhigh