कुछ ने अपनी राह बदल ली, कुछ ने चाह बदल ली । जिसको लगी जैसी भली, अपनी स्वभाव बदल ली ।। किसी ने गैरों अपनाया किसी ने अपनों को भुलाया । जिन्हें जिनसे हुई स्वार्थ कि पूर्ति उन्हें सर पे बैठाया ।। ©अनुषी का पिटारा.. #बदलता_दौर