जब-जब छत पे चाँद मेरे तू आता है, ना जाने क्या सोंच के दिल घबराता है, दिल से छुपके तुझको देखे जाऊं, धड़कन सम्भाले हुए... हारे... हारे... हारे... हम तो दिल से हारे... छू के मुझे जो तुम गए हो, मेरी दुआ, ख़ुदा बन गए हो, सज़दे में सर अबतक झुका है, कैसा असर तुम कर गए हो, ना होश में अब रहा... दिल मेरा... हारे... हारे... हारे... हम तो दिल से हारे... तेरी नज़र, जबसे लगी है, हंसता समा, ज़न्नत ज़मीं है, तेरे बिना, सांसे न आये, कितनी हंसीं ये आदत लगी है, तू जान तू ही जिगर... है मेरा... हारे... हारे... हारे... हम तो दिल से हारे... हारे... हारे... हारे... हम तो दिल से हारे... जब-जब छत पे चाँद मेरे तू आता है, ना जाने क्या सोंच के दिल घबराता है, दिल से छुपके तुझको देखे जाऊं, धड़कन सम्भाले हुए... हारे... हारे... हारे... हम तो दिल से हारे... छू के मुझे जो तुम गए हो,