शीर्षक:- "ज़िन्दगी के फ़लसफ़े ने शायर बना दिया" हो ख़फ़ा बेबफाईयों से, ख़ुद की रातों में तन्हाई लिख दी... जब कुछ ना सुझा इस दिल को, तो रस्म-ए-वफ़ा और अपनी बर्बादी लिख दी... जाने कितने ही दर्द समेटे है इस जले बुझे से दिल के अंदर मैंने,, उन्हें अपने शब्दों में पिरोकर गुजरे वक़्त की कहानी लिख दी.... जो कभी थे मेरे अनमोल ख़जाने, जिनका मोल कभी सबसे ज्यादा था, आज उस ख़जाने की ख़ुद अपने ही हाथों से नीलामी लिख दी... जैसे घुटती सिसकती ज़िन्दगी रहती है, ज़िंदा रहने को बेक़रार,, ख़ुद ही अपने दर्द-ए-इश्क़ की मैंने आज़ादी लिख दी.... ज़िन्दगी के फ़लसफ़े ने शायरी से नाता इस क़दर जोड़ दिया अब मेरा, बेख़ुदी में हो गुम मैं, इस वीरान सी चाहत को शायरी का नाम दे दी..!! ©Rishnit❤️ #Books #ज़िन्दगीकेफ़लसफ़े Jyoti Duklan Anshu writer