वैसे सख़्ती तो मुझमें वो बर्फ जैसी थी... जो कभी खंज़र का काम कर सकती थी.... हाँ मैंने सोच भी लिया था ये सख्ती ही मेरी जिंदगी थी.... यही मेरी जीने की कला थी... यही मेरी उस मोहब्बत की मोहलत थी..... पर न जाने क्यों तुझसे मिलते ही वो सख़्ती... न जाने इतनी मासूम सी क्यों हो गयी थी.... मैं खुद को जो इतना सख़्त बना चुकी थी.... आज लगता है,कि मैं कितनी सहज थी.... बस जज्बातों के लिये उस अनचाहे वक़्त के लिए मैंने खुद को सख़्त बनाना चाहा था.... पर जाना मुझे ये मालूम न था तुझसे यूँ मिलके मैं वो बर्फ से पानी की तरह पिघल जाऊँगी।।। #bhawna♥️ #Isolated #life_lesson #love❤ #meltingphilosophy ♥️#woterapyar😍 मुसाफिर...