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#गूदड़ (4) मेरे पिता की हालत बिगड़ती जा रही थी,माँ

 #गूदड़ (4)

मेरे पिता की हालत बिगड़ती जा रही थी,माँ को अब रात को अस्पताल में रहना पड़ता था। माँ ने मेरे मामा से मिन्नत की, कि हम दोनों बहनों का ध्यान रखें। मामा की नजरें मुझे कभी भी ठीक नहीं लगती थी, वह बचपन में भी मुझे इधर-उधर हाथ लगाने से बाज नहीं आता था। माँ पहले से ही परेशान रहती थी,मैं उन्हें कुछ बता ही नहीं पाई।हम दोनों बहने रात को दूध पीकर सोती थी, पता नहीं एक दिन कब मामा ने दूध में कुछ मिला दिया।मैं सुबह जब उठी तो मुझे शरीर में दर्द हो रहा था खासकर नीचे की जगह।सर भी भारी हो रहा था, मेरी छ
 #गूदड़ (4)

मेरे पिता की हालत बिगड़ती जा रही थी,माँ को अब रात को अस्पताल में रहना पड़ता था। माँ ने मेरे मामा से मिन्नत की, कि हम दोनों बहनों का ध्यान रखें। मामा की नजरें मुझे कभी भी ठीक नहीं लगती थी, वह बचपन में भी मुझे इधर-उधर हाथ लगाने से बाज नहीं आता था। माँ पहले से ही परेशान रहती थी,मैं उन्हें कुछ बता ही नहीं पाई।हम दोनों बहने रात को दूध पीकर सोती थी, पता नहीं एक दिन कब मामा ने दूध में कुछ मिला दिया।मैं सुबह जब उठी तो मुझे शरीर में दर्द हो रहा था खासकर नीचे की जगह।सर भी भारी हो रहा था, मेरी छ

#गूदड़ (4) मेरे पिता की हालत बिगड़ती जा रही थी,माँ को अब रात को अस्पताल में रहना पड़ता था। माँ ने मेरे मामा से मिन्नत की, कि हम दोनों बहनों का ध्यान रखें। मामा की नजरें मुझे कभी भी ठीक नहीं लगती थी, वह बचपन में भी मुझे इधर-उधर हाथ लगाने से बाज नहीं आता था। माँ पहले से ही परेशान रहती थी,मैं उन्हें कुछ बता ही नहीं पाई।हम दोनों बहने रात को दूध पीकर सोती थी, पता नहीं एक दिन कब मामा ने दूध में कुछ मिला दिया।मैं सुबह जब उठी तो मुझे शरीर में दर्द हो रहा था खासकर नीचे की जगह।सर भी भारी हो रहा था, मेरी छ #nojotophoto