" सब बताती है हँसी।" सब बताती हैं, लोगों की हंसी| की वो, कितना रोये होंगे कितने दिन बेचैन और कितनी रातें, न सोए होंगे सब बताती हैं, लोगों की हंसी| आने पर किसी ख्याल के जाने कितने ख्याल और पिरोये होंगे, टूटकर हालातों के हाथों हालातों के कांधे ही सर रख कर रोये होंगे, सब बताती हैं लोगो की हंसी| की वो, कितना रोये होंगे जाने कितनी बार-जाने कितनी बार, उम्मीदों की टोकरी, रखी तो होगी पास, लेकिन देख कर आंखों का समंदर, मर गयी होगी। आस। सब बताती है, लोगों की। हंसी। कुछ दर्द पुराने, आज भी, कुलबुलाते तो जरूर होंगे, फिर ना ताजा हो जाये। जख्म गहरे, इतिहास पुराना दोहराते तो होंगे। सब बताती है, लोगो की हंसी| की वो। कितना रोये होंगे|🎭 -उमंग गंगानिया # सब बताती है हँसी। 🎭