मेरे प्यारे अधूरे सपनें मेरे हर सवालों के जो हल रहे है, वो सपने अभी भी आँखों में पल रहे है, न जाने क्यों वो लोग भी तसल्ली देते है, जिनको सबसे ज़्यादा मेरे सपने खल रहे है, टाँगों ने बहुत पहले हीं जवाब दे दिया है, ये हौसला है जिससे हम चल रहे है, गम सुनाऊंगा तो आँखों के आँसू खत्म हो जायेंगे, पर हम मुस्कान लिए बागों में टहल रहे है, लोगों को डर आग से जलने का है, एक हम है जो पानी में जल रहे है, ज़िंदगी ने अब बहुत बार गिरा दिया है, सो हम भी अब धीरे धीरे संभल रहे है। -सुमीत #ख़याल #सपने #अशआर #sapne