ख्याल-ए-हिज्र ने तेरे दिल को जिस वक़्त छुआ होगा, सर-ए-बज़्म तेरी नज़्म मे जिक्र मेरा ही हुआ होगा।। शहजोर रहा होगा तूफ़ाँ... बेशक मकाँ मे तेरे, दिलाब-ए-इश्क़ को तूने जब बुझने से बचाया होगा।। ताबीर को तूने अपने लफ्ज़ो मे पिरोया होगा, लबों पे मुस्कुराहट होगी अन्दर से रोया होगा।। तीरगी ने रात की जब सवालात किए थे तुझसे, अपनी तन्हाई का सबब मुझसे अलहदगी बताया होगा।। ©Sameri #Loved_ones#Love#friendship#Diary_of_Sameri_Treasure_Trove_of_Emotions #letter