गुजारिश है के अब अगली मुलाकात पे बाल खुले रखना, सिक्के उछाल कर उस आसमां की ओर, मैंने हवाओं को खरीद लिया, अदाओं से जो घायल कर देती है, किस्से उछाल कर उसकी कातिल अदा की ओर, मैंने दवाओं को खरीद लिया, इनकार ना कर के तुझे इश्क नहीं मुझसे, तुक्डे उछाल कर दिल के तेरी निगाह की ओर, मैंने गवाहों को खरीद लिया ।। #yqbaba #bought #yqdidi #shayari #poetry #hindi #yqhindi #love