Nojoto: Largest Storytelling Platform

White बंध ना पाई रेत भी मुट्ठी में... जानें क्यूँ

White बंध ना पाई रेत भी मुट्ठी में...
जानें क्यूँ लगे वक्त पर पहरे–पहरे से है 
दौड़ती भागती जिंदगी में ...
जाने क्यूं कदम कुछ ठहरे–ठहरे से है 
तड़प उठे दिल की आह में...
जाने क्यूँ छुपाए जख्म गहरे–गहरे से है
सपना जिसका आंखो में...
जाने क्यूं उसके अनेक चेहरे–चेहरे से है
दम सा घुटे अपनी चीख में...
जाने क्यूं लगा यहां सब बहरे–बहरे से है

©vineetapanchal
  #Chahre_chahre #pahre_pahre #gahre_gahre