शहर भर नहीं है अदब की निशानी। ज़मी पर पड़ी है सबब की निशानी।। न चादर न घर है किसी का बगल में। बनी मेहनत भी गज़ब की निशानी।। © कमल कर्मा"के.के. #बनी मेहनत भी गजब की निशानी...