खयालों में बस नही है मेरा बस तुम्हारे खयालों में खोई रहती हूँ जानती हूँ अब तुम्हारे पास वक़्त नहीं है फिर भी उस वक़्त को ढूंढती हूँ क्या ये शिकायत मुझे ही है या सभी को इसका जवाब ढूँढतीं हूँ ये जो वक़्त का फ़ासला आया है हमारे बीच मैं उसकी ख़ता ढुँढती हूँ कामयाबी आपको हर लम्हा मिले ये दुआ करतीं हूँ बस आपके कुछ लम्हों में खुद को ढूँढती हूँ प्यार में जो सज़ा मिली है हमे मैं उस गुनाह को ढूँढती हूँ जिंद़गी ©vish # खयालों में बस नही मेरा