यादों की दस्तक अच्छा सुनो , जानती हो , ये जो जैकेट है न , आज ही संदूक से निकाली है । याद है तुम्हे हमारे मिलने के एक साल पूरे होने पर दी थी तुमने मुझे । जानता हूँ इन सब बातों के कोई मायने नहीं , मगर आज आखिरी दफा तुमसे मिलने आया तो सोचा पहन लूँ । ये कहते कहते उसने पॉकेट में हाथ डाल लिया । पॉकेट से सौ के चार नोट निकल आये । अरे ये अब तक पड़े हैं इसमें , याद है ये तब का है जब वो मंदिर के बाहर बूढ़ी अम्मा से एक सौ एक का प्रसाद लिया था , और तुमने राधा कृष्ण की मूर्ती के सामने मन्नत मांगी थी की हमारा प्रेम सदा उनके जैसा रहे । मगर , मगर ये भूल गया था मैं की राधा कृष्ण का नाम भले ही साथ लिया जाता हो , वो सदा साथ नहीं रह सके थे , मालूम है न ।। #NojotoQuote Yaadon ki Dastak #PS #Nojoto #NojotoHindi #KAhaani #Writer #Thought #Love #Valentinr