सोच (Read Caption)
नीली धारियाँ और वो सफेद रंग मेरी उस स्कर्ट को अलग ही रूप से निखारा करते थे।
लोगो की सोच का अंदाज़ा था मुझे तभी उसकी उचाई इतनी रखवाई थी मैने की कहि कोई कुछ कहे न।
उसके दो बटन जो मेरी कमर को इतनी कस के दबाये रखते था की कहि लोगो के तानो से तूट न जाये।
उसकी लम्बाई थोड़ी छोटी थी मग़र मेरे कपड़ो को एक अंत देदिया करती थी वो। जब भी बाहर निकला करती थी तो न जाने क्यों मुझे घर में बन्द होने का मन किया करता था। नरम थी वो, न कुछ कहती न कभी कुछ कह पाई ।
बस बन्द रहा करती था उस अलमारी में। आज भी बंद है वो, उसी कोने में।
शायद धूल से लिपटी हुई।
कभी बाहर निकालने की कोशिश ही नही कर पाई उसे। जब भी जाती तो मुह मोड़ लेती थी। मन मेरा भी करता था कि जो बन्द है बरसो से, आज़ाद कर दूं उसे। #Gif#Astitva