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क्यों ? अमीरों को बुरा समझते हैं।  उनके अमीर होने

क्यों ? अमीरों को बुरा समझते हैं। 

उनके अमीर होने पर ताने कसते हैं।

ग़रीबी से मेरी बरसों पुरानी  पहचान है।

हमने संग -संग बरसों गुजारे हैं , 

हमने भी ,बुरे दिन काटे हैं ,




रिश्तों के रहे ,हमेशा घाटे हैं। 

बड़ी मशक्क़त से मैंने घर को संवारा है ।

ग़रीबी से मैंने ,अपने को उभारा को  है । 

आज दो पैसे......  क्या कमाने लगा ?

लोगों के आँखों की' किरकिरी 'हो गया। 

कहते हैं ,''लाट साहब ''हो गया।

©Laxmi Tyagi #laat sahab

#cloud
क्यों ? अमीरों को बुरा समझते हैं। 

उनके अमीर होने पर ताने कसते हैं।

ग़रीबी से मेरी बरसों पुरानी  पहचान है।

हमने संग -संग बरसों गुजारे हैं , 

हमने भी ,बुरे दिन काटे हैं ,




रिश्तों के रहे ,हमेशा घाटे हैं। 

बड़ी मशक्क़त से मैंने घर को संवारा है ।

ग़रीबी से मैंने ,अपने को उभारा को  है । 

आज दो पैसे......  क्या कमाने लगा ?

लोगों के आँखों की' किरकिरी 'हो गया। 

कहते हैं ,''लाट साहब ''हो गया।

©Laxmi Tyagi #laat sahab

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laxmityagi1712

Laxmi Tyagi

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