Nojoto: Largest Storytelling Platform

जागना साए में और धूप में सोना उस का उस के एहसास से

जागना साए में और धूप में सोना उस का
उस के एहसास से साबित था न होना उस का

दिल-शिकस्ता हो वो क्यों सर-फिरी बातों से मिरी
मैं ने बचपन में भी तोड़ा था खिलौना उस का

इक सितम-पेशा तबीअत का पता देता है
काग़ज़ी नाव को बारिश में डुबोना उस का

फिर कोई याद छुड़ा लेती है उँगली मुझ से
याद आता है किसी भीड़ में खोना उस का

©Daniyal
  #एहसास #love❤ #लव💕  Alok jee Faiz Siddiqui Lalit Saxena Namrta vishwakarma Aditya kumar prasad