"शिव प्रार्थना" हे मेरे शिव शम्बू , तू मेरा भोला भंडारी हैं ! कोरोना से झूझ रही, आज यह दुनिया सारी हैं ! समुद्र मंथन के समय, हलाहल का था, जब संकट आया ! संसार के कल्याण हेतु, विष का प्याला मुँह को लगा, तू नीलकंठ कहलाया ! यह कोरोना की महामारी, न किसी हलाहल से कम है ! रक्षा की गुहार लगाते, आए तेरी शरण में हम हैं ! प्रकृति को नुक़सान पहुँचा, जो किया है अपराध हमने, उसके लिए चाहते क्षमादान है ! दया करो भोलेबाबा, कि बड़ी तेज़ी से, यह सृष्टि बन रही शमशान है ! पंकज जैन #Shiv #God #Nojoto #pray