ध्यायेन्नृसिंहं तरुणार्कनेत्रं सिताम्बुजातं ज्वलिताग्रिवक्त्रम्। अनादिमध्यान्तमजं पुराणं परात्परेशं जगतां निधानम्।। हमारी सारी बांधाए भगवान नरसिंह से दूर करने की प्रार्थना करते हैं।