Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेरी रुखसती पर बस इतना हो जाए फ़क़त दो गज ज़मीन


मेरी रुखसती पर बस इतना हो जाए 
फ़क़त दो गज ज़मीन मयस्सर हो जाए। 
चाहत मातम  की क्यों रखूँ..
क्या यह काफ़ी नहीं की खाक होने का सामान मिल जाए।


#अनाम #अनाम_ख़्याल #रुख़सत #मयस्सर #सुपुर्दएखाक  #2liners

मेरी रुखसती पर बस इतना हो जाए 
फ़क़त दो गज ज़मीन मयस्सर हो जाए। 
चाहत मातम  की क्यों रखूँ..
क्या यह काफ़ी नहीं की खाक होने का सामान मिल जाए।


#अनाम #अनाम_ख़्याल #रुख़सत #मयस्सर #सुपुर्दएखाक  #2liners